शीर्षकों की स्वीकार्यता के लिए दिशानिर्देश

प्रेस और ननयतकालिक पत्रिकाओं का पंजीकरण अधिनियम 2023 की धारा 2(छ) के साथ पठित धारा 5(3)(ग) के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, भारत के प्रेस महापंजीयक (पीआरजीआई) भारत में प्रकाशित होने वाली ननयतकालिक पत्रिकाओं, जिनमें सार्वजनिक समाचार या सार्वजनिक समाचारों पर टिप्पणियाँ शामिल हैं, के पंजीकरण के लिए शीर्षकों की स्वीकृति और उपलब्धता संबंधी निम्नलिखित दिशानिर्देश जारी करते हैं।

ये दिशानिर्देश दिनांक 01.07.2025 से लागू किए गए हैं तथा समय-समय पर जारी किए गए पूर्व दिशानिर्देशों को प्रतिस्थापित करते हैं। आवेदकों को सलाह दी जाती है कि वे अपना आवेदन करते समय नए शीर्षक प्रस्तावित करने से पहले पीआरजीआई की वेबसाइट (prgi.gov.in) पर उपलब्ध अब तक पंजीकृत सभी शीर्षकों की पूरी सूची देख लें। साथ ही, आवेदक प्रेस सेवा पोर्टल के माध्यम से अपनी ननयतकालिक पत्रिका के पंजीकरण के लिए आवेदन करते समय निम्नलिखित दिशानिर्देशों को पढ़ सकते हैं और उनका पालन कर सकते हैं।

  1. प्रस्तावित शीर्षक में यथासंभव एक से अधिक शब्द होने चाहिए जो विशिष्ट एवं सार्थक शब्दों के संयोजन से बने हों। सामान्य या मूल शब्दों वाले शीर्षक पंजीकृत नहीं किए जाएंगे।
  2. प्रस्तावित शीर्षक अद्वितीय होने चाहिए और ध्वन्यात्मक या दृश्यात्मक रूप से किसी भी मौजूदा सत्यापित/पंजीकृत शीर्षक के समान नहीं होने चाहिए, चाहे वह पूरे देश में एक ही भाषा में हो या किसी राज्य में किसी अन्य भाषा में हो।
  3. शीर्षक सार्थक और स्पष्ट होने चाहिए। ऐसे शीर्षक अस्वीकार्य होंगे जो धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाते हों, अश्लील, बेतुके, या सार्वजनिक भावनाओं को आहत करते हों।
  4. संक्षेपाक्षरों (abbreviations), परिवर्णी शब्दों (acronyms) या अंकों (numerals) को तभी स्वीकृति मिलेगी जब वे अन्य शब्दों के साथ सार्थक रूप से जुड़े हों।
  5. वे शीर्षक जो मौजूदा शीर्षकों के आंशिक या पूर्ण रूप से पुनः संयोजन से बने हों, स्वीकार नहीं किए जाएंगे।
  6. किसी व्यक्ति के नाम से बने शीर्षक उस व्यक्ति के स्वामी या प्रकाशक के नाम से मेल नहीं खाने चाहिए।
  7. शीर्षकों में अपाठ्य वर्ण, प्रतीक, गणनात्मक चिह्न ("+", "*", आदि), चित्रलिपियाँ, इमोजी, मोनोग्राम आदि नहीं होने चाहिए।
  8. मौजूदा शीर्षकों में सामान्य शब्द जोड़कर बनाए गए शीर्षक अस्वीकृत किए जाएंगे (जैसे “डेली समाचार”, “वीकली टाइम्स”, “न्यूज़ इंडिया” आदि)।
  9. कॉपीराइट, ट्रेडमार्क उल्लंघन, न्यायालय की अवमानना या मानहानि से संबंधित शीर्षकों को पंजीकृत नहीं किया जाएगा।
  10. भारत की संप्रभुता, एकता, सुरक्षा, नैतिकता, सार्वजनिक शांति आदि को प्रभावित करने वाले शब्दों वाले शीर्षक अस्वीकृत होंगे।
  11. ऐसे शीर्षक जो किसी सरकारी संस्था, निकाय या योजना से भ्रमित जुड़ाव दर्शाते हों, स्वीकार नहीं किए जाएंगे।
  12. ऐसे शीर्षक जो किसी विदेशी देश, स्थान या शहर से जुड़े हों जबकि प्रकाशन भारत के किसी अन्य स्थान से हो, पंजीकृत नहीं किए जाएंगे।
  13. राष्ट्रीय नेताओं, प्रधानमंत्रियों, मंत्रियों, या प्रमुख अधिकारियों के नाम वाले शीर्षक बिना अधिकृत स्वीकृति के पंजीकृत नहीं किए जाएंगे।
  14. टीवी चैनल, एफएम/कम्युनिटी रेडियो स्टेशन आदि के नाम से मिलते-जुलते शीर्षक केवल उनके स्वामी या अधिकृत प्रतिनिधि द्वारा ही पंजीकृत कराए जा सकते हैं।
  15. प्रसिद्ध पत्रिकाओं के नाम से मिलते-जुलते शीर्षकों को यदि उनके मौजूदा स्वामी के अलावा कोई और उपयोग करता है तो वे पंजीकृत नहीं किए जाएंगे।
  16. विज्ञापन, वाणिज्यिक घोषणाएं, कैलेंडर, पंचांग, मैरिज नोटिस, येलो पेजेस, पंपलेट, ब्रोशर, आदि जिनका स्वरूप ननयतकालिक पत्रिका जैसा नहीं है — वे शीर्षक पंजीकृत नहीं होंगे।
  17. जो शीर्षक उपरोक्त आपत्तिजनक श्रेणियों (बिंदु 3 और 9 से 13) में आते हैं, उनके स्वामित्व हस्तांतरण या नए संस्करणों के पंजीकरण पर भी विचार नहीं किया जाएगा।